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भारतीय शेयर बाजार में आज (23 जून)जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई।
• BSE Sensex 918 अंकों की गिरावट के साथ 81,599 पर पहुंच गया।
• Nifty 50 करीब 266 अंक गिरकर 24,846 तक पहुच गया।
इस गिरावट के पीछे सिर्फ घरेलू कारण नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय घटनाएं जिम्मेदार हैं, जिन्होंने निवेशकों के मन में डर और अनिश्चितता को बढ़ा दिया है। खासकर बैंकिंग, आईटी और ऑटो सेक्टर में तेज़ गिरावट देखी गई।
डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की है कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों — Fordow, Natanz और Esfahan — पर हमला किया है। यह हमले इज़राइल के साथ मिलकर किए गए।
इस कार्रवाई के बाद:
तेल की कीमतें 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।
Brent crude $81.40 तक गया, जिससे भारत जैसे तेल आयातक देशों पर सीधा असर पड़ा।
निवेशकों में डर गहराया कि क्या यह मिडिल ईस्ट युद्ध की शुरुआत है।
सूचकांक | पिछला शुक्रवार (21 जून) | आज (24 जून) |
---|---|---|
Nifty 50 | 25,112 | 24,846 |
Sensex | 82,517 | 81,599 |
Bank Nifty | 55,360 | 54,580 |
सभी प्रमुख इंडेक्स में 1% से अधिक की गिरावट देखने को मिली।
ऐसी अस्थिरता के समय निवेशकों को निम्नलिखित रणनीति अपनानी चाहिए:
• घबराएं नहीं, बाजार की गिरावट का मतलब हमेशा जोखिम नहीं होता।
• लॉन्ग टर्म निवेशकों को अपनी SIP जारी रखनी चाहिए।
• ट्रेडर्स को स्टॉप लॉस का पालन ज़रूर करना चाहिए।
• ब्लू चिप कंपनियों में धीरे-धीरे निवेश करना एक अच्छा मौका हो सकता है।
• जब तक पश्चिम एशिया की स्थिति स्थिर नहीं होती, बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
शेयर बाजार की मौजूदा गिरावट का कारण सिर्फ टेक्निकल या घरेलू नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक टकराव है।
भारत जैसे बड़े निवेशकों के लिए यह समय सतर्कता का है, न कि डर का।
अधिक जानकारी के लिए पढ़े: Moneycontrol – Full Market Report
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